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मिसिर हरिहरपुरी की कुण्डलिया




मिसिर कविराय की कुण्डलिया


चलना हो तो चल सतत, पहुँच राम के द्वार।

सिर्फ राम के जाप में, सहज राम दरबार।।

सहज राम दरबार, बनाता मन को मानव।

गढ़-गढ़ काढ़त खोट, मिटाता सारे दानव।।

कहें मिसिर कविराय, सीख ले सच्चा बनना।

पहुँचो चारों धाम, अगर मन में हो चलना।।


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3 Comments

Haaya meer

30-Dec-2022 07:09 PM

👌

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Sachin dev

30-Dec-2022 04:22 PM

Nice 👌

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बहुत खूब

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